Diwali Special Astrological Packages

व्यवसाय बंधन मुक्ति कवच

आमतौर पर देखा गया है कि एक ही प्रकार के दो प्रतिष्ठान, दुकान या अन्य प्रतिष्ठान, पास-पास होते हुये भी एक का व्यवसाय अच्छा चल रहा होता है, वहीं दूसरे व्यापारी के पास कुछ भी व्यापार नहीं होता। इसका क्या कारण है? कभी सोचा है आपने? ऐसे मामले में दूसरा व्यापारी अपने व्यापार के लिये पहले व्यापारी की तरह ही ईमानदारी से कार्य करता है, ग्राहक की इज्जत-सम्मान भी करता है, उसके माल में भी कोई कमी नहीं होती फिर भी जहाँ लाभ होना था, वहाँ हानि हो रही है। जिस घर में कभी सुख-शांति रहती थी, वहाँ एकाएक लड़ाई-झगड़े, मार-पीट, रोग-शोक पनप जाते हैं। क्या कारण है इनका? इन सभी का एक मात्र कारण है व्यावसायिक बंधन प्रयोग। इसका मुख्य कारण है- कभी तांत्रिक लोग अपना कार्य ईमानदारी से लोक-कल्याण की भवना से करते थे, परंतु आज के युग में अनेक नौसिखिये गुरु हो गये हैं, जो बिना सोचे-समझे या फिर किसी लालच में आकर दूसरे की हानि वाले प्रयोग भी सम्पन्न करवा देते हैं। उन प्रयोगों का प्रतिस्पर्धा के कारण कोई-कोई व्यक्ति उपयोग भी कर लेता है। हालांकि ऐसे व्यवसाय बंधन प्रयोग का प्रभाव अधिक समय तक नहीं रहता, परंतु अपने थोड़े समय में ही यह प्रयोग अपना क्रूर प्रभाव दिखाकर सामने वाले व्यापारी को अर्थिक रूप से निर्बल तो कर ही देता है। ऐसे प्रयोगों का प्रभाव नष्ट करने के लिये सफल व्यापारी व्यवसाय बंधन मुक्ति कवच का प्रयोग करते हैं। यह कवच गुरूजी स्वयं दीपावली की रात्रि में शुद्ध महूर्त में सिद्ध करते हैं। कवच का प्रयोग गुरूजी के सैकड़ों शिष्य कर चुके हैं, यदि आपके साथ भी कुछ इसी प्रकार की समस्या है तो आप भी इस सफल प्रयोग को आजमा सकते हैं। इसके लिये आप गुरूजी के कार्यलय से समपर्क करें और अपने लिये इस कवच का आर्डर कर दें। विश्वास करें इस कवच का प्रयोग कभी निर्थक नहीं जाता।

व्यवसाय बंधन मुक्ति कवच के लिये न्यौछावर राशि- रु.1500/-
सम्पर्क सूत्र- शुक्राचार्य ऐस्ट्रो प्रा. लि. 011 22455184, 09810143516

राज्य-लक्ष्मी कवच

यदि कोई व्यक्ति समाज में सम्मान पूर्वक रहना चाहता है, तो आज के युग में उसे महसूस होता है कि- उसके मार्ग में अनेक बंधन, बाधायें अवश्य ही आते हैं, और वह प्रगति के पथ पर चलने के लिये अपने मन अनुसार कार्य करने के लिये भी स्वतंत्र नहीं होता। कई बार तो अनेक समाजिक नियम व्यवधान आ खडे होते हैं और कई बार राज्य की ओर से कुछ बाधायें या अड़चने उपस्थित हो जाती हैं। कभी-कभी तो अपने ही रिशतेदार उन्नति के मार्ग में रूकावट के कारण बनकर आ जाते हैं। ये अड़चने मनुष्य की आर्थिक व सामाजिक उन्नति को बाधित करती ही हैं, और उसके सुख-चैन व मन की शांति को भी समाप्त कर देती हैं। आज ऐसी ही अपनी-अपनी तरह की अनेक प्रकार की बाधाओं से हर व्यक्ति पीड़ित है। इसका मुख्य कारण है- राज्य-लक्ष्मी की कृपा का आभाव। यदि पूर्णरूप से राज्य-लक्ष्मी की कृपा हो जाये, तो पराये भी अपने हो जाते हैं, दुष्ट भी स्वजन हो जाते हैं, या फिर जो आपकी ओर देखते भी नहीं थे वे अचानक ही मित्रता का हाथ बढ़ाने लगते हैं, और सब से प्रमुख बात, यदि राज्यलक्ष्मी की कृपा हो जाये तो एक साधारण व्यक्ति भी सर्वगुण संपन्न हो जाता है तथा हर ओर से सम्मान पाता है।

विशेष- राज्यलक्ष्मी के आभाव को दूर करने तथा राज्यलक्ष्मी की कृपा प्राप्ति हेतु गुरूजी इसी दीपावली एक विशेष अनुष्ठान का आयोजन कर रहे हैं जिसमें कुछ भाग्यशाली शिष्यों के लिये राज्यलक्ष्मी कवच की रचना तथा सिद्धि की जायेगी। यदि आप उन भाग्यशाली शिष्यों में सम्मीलित होना चाहते हैं, तो आपको अपना नाम, पिता का नाम तथा गौत्र का विवरण शीघ्र भेजना होगा, तथा राज्यलक्ष्मी कवच के लिये न्यौक्षावर राशि 3100/- रू अग्रिम भेजना होगी। याद रहे इस अनुष्ठान में सीमित शिष्यों के लिये ही कवच तैयार किये जायेंगे। अपना नाम तुरंत सम्मीलित करवा लीलिये।
अधिक जानकारी के लिये शुक्राचार्य ऐस्ट्रो प्रा. लि. से सम्पर्क करें 011 224551084, 09810143516

सिद्ध अष्ट-लक्ष्मी कवच

धन के बिना जीवन का कोई भी मूल्य नहीं रह जाता, धन का आभाव होते ही अपने सगे सम्बंधी भी मुख फेर लेते है। जब धनवान बनने के लिए सभी प्रयास निरर्थक हो जायें तो, इस प्रयोग को अवश्य आजमायें। दीपावली की रात्रि में यह एक दिवसीय साधना सम्पन्न करने से जन्म-जन्मांतर की निर्धनता जो कि मानव जीवन का सबसे बड़ा अभिशाप है, अवश्य दूर हो सकती है।
दीपावली की रात्रि में अपने सामने लाल रंग का वस्त्र एक लकडी की चौकी पर बिछाकर उस पर शुद्ध घी का दीपक जलाकर रखें, और स्वयं उत्तर दिशा की ओर मुख करके सूती आसन पर बैठें। सामने चौकी पर सिद्ध हरिद्रा गणपति स्थापित करके उस पर शुद्ध गोरोचन से 8 बिन्दीयाँ लगायें फिर इनके चारों ओर एक-एक घी का दीपक जलावें (यह दीपक मिट्टी के होने चाहियें) उसके बाद सामान्य पूजा- फल, फूल, चावल, पान, सुपारी, रोली, कलावा तथा दीपक दिखा कर निर्धनता दूर करने की प्रार्थना करके स्फटिक की सिद्ध माला से 11 माला का जप आरम्भ करें। 11 माला का जप पूर्ण होने पर फिर से निर्धनता दूर करने की प्रार्थना कर हरिद्रा गणपति को मिष्ठान का भोग लगाकर प्रयोग संपन्न करें। परिवार के साथ प्रसाद ग्रहण करें और इस हरिद्रा गणपति को एक पीले रेशमी रूमाल में एक टिकिया देशी कपूर के साथ गांठ बाधकार अपने कोष (कैश बॉक्स) में रख लें। इस प्रयोग को प्रत्येक वर्ष दीपावली पर्व पर करने से निर्धनता दूर होने लगती है और आर्थिक समृद्धि आरम्भ हो जाती है।
मंत्र- ऊँ गं अष्टलक्ष्म्यै आगच्छ आगच्छ फट।
साधना सामग्री- सिद्ध हरिद्रा गणपति, शुद्ध गोरोचन, सिद्ध स्फटिक माला के लिये न्यौक्षावर राशि 2100/-रू
अधिक जानकारी के लिये शुक्राचार्य ऐस्ट्रो प्रा. लि. से सम्पर्क करें- 011 22455184, 09810143516

धन लक्ष्मी कवच

दीपावली पर रूठी लक्ष्मी को मना लीजिये- धन लक्ष्मी कवच मंगवा लीजिये
सभी जानते ही है कि लक्ष्मी सौभाग्यदायिनी होती हैं। इनकी कृपा से साधारण मनुष्य की महत्ता का भी अश्चर्यजनक ढंग से विकास होने लग जाता है। है। यदि कोई साधक अष्टलक्ष्मी में से धन लक्ष्मी को सिद्ध कर लें तो वह व्यक्ति सर्वगुण संपन्न हो जाता है। लेकिन आज के इस भाग-दौड़ वाले युग में सिद्धि प्राप्त करने का समय, पूजा-उपासना करने का समय किसके पास है?पाठकों की इस दुविधा को देखते हुए गुरूजी का यही प्रयास रहता है कि हर मनुष्य इस देवी की कृपा को प्राप्त करे। इसी लिये गुरूजी दीपावली के सिद्ध मुहूर्त में धन लक्ष्मी कवच का निमार्ण करने वाले हैं। यह कवच यंत्र के रूप में आपको धन लक्ष्मी प्राप्त करवाने की दिशा में अग्रसर करेगा, उसका आपको समुचित लाभ प्राप्त होगा। इस धन लक्ष्मी कवच को धारण करने के पश्चात् साधक आठों दिशाओं में श्री तथा सम्मान प्राप्त करता है।
नोट- यंत्र कवच सीमित संख्या में सिद्ध किये जायेंगे, कृपया दीपावली से पूर्व बुक करवा लें। धन लक्ष्मी कवच मंगवाने के लिये न्यौछावर राशि- रु. 2100/- (सामग्री मंगवाने के लिये- हमारे Bank के खाते में राशि जमा करवाकर सामग्री प्राप्त कर सकते हैं।)
अधिक जानकारी के लिये शुक्राचार्य ऐस्ट्रो प्रा. लि. से सम्पर्क करें- 011 22455184, 09810143516

गृहक्लेश निवारक कवच

यदि आप गृहक्लेश से तंग आ चुके हैं?- मंगवा लीजिये गृहक्लेश निवारक कवच|
आज का युग अर्थ प्रधान युग कहा जा सकता है। अर्थ की आवश्यकता आज सर्वोपरि है। साधारण परिवार में आय की न्यूनता और खर्च की अधिकता, भौतिकता की चाह, ऐश्वर्य आराम की वस्तुओं की इच्छा तथा पढ़-लिख कर भी बेकार रहने के कारण प्रायः अधिकांश व्यक्ति तनाव ग्रस्त हैं। इसी तनाव के कारण गृहकलह भी होना स्वाभाविक है। इसके अतिरक्ति परस्पर अविश्वास, भोग में असंतुष्टि, अधिक संतान का होना, प्रेम की न्यूनता, कुटुम्ब का असहयोग आदि अनेक कारणों से गृहकलेश होते देखा गया है। इन में से कोई एक भी कारण हो तो हर प्रकार के संभव असंभव उपाय करके भी मनुष्य गृहकलेश से छुटकारा नहीं पा सकता है। निरंतर प्रयास करने पर भी आपसी दूरियां बढ़ती ही चली जाती हैं। ऐसी परिस्थितियों से मुक्ति पाने हेतु इस वर्ष दीपावली के पर्व पर गुरूजी ‘गृहक्लेश निवारण कवच’ का निर्माण करने जा रहे हैं। जिसको पति-पत्नी दोनो या फिर एक भी धारण कर अपने घर परिवार में सुख-शांति लौटा सकेंगे।
नोट- यह कवच दीपावली पर सिद्ध किये जायेंगे, कृपया दीपावली से पूर्व बुक करवा लें। कवच मंगवाने के लिये न्यौछावर राशि- रु. 1800/- (सामग्री मंगवाने के लिये- हमारे Bank के खाते में राशि जमा करवाकर सामग्री प्राप्त कर सकते हैं।)
अधिक जानकारी के लिये शुक्राचार्य ऐस्ट्रो प्रा. लि. से सम्पर्क करें- 011 22455184, 09810143516

सिद्ध सरस्वती यंत्र कवच

शिक्षा की बाधायें दूर करें सिद्ध सरस्वती यंत्र कवच से|
आजकल प्रायः बच्चे पढ़ाई को बोझ समझते हैं और जब पढाई के लिये अधिक परिश्रम करना पढता है तब पढने से आनाकानी करते हैं क्योंकि उन्हें पढ़ने से अधिक खेलने में, टी. वी. देखने में या कम्प्यूटर गेम में आनंद आता है। कुल मिलाकर आज जो विश्वस्तर की शिक्षा प्रणाली लागु हो रही है लेकिन आज के युग को देखते हुए यदि बच्चे समय पर शिक्षा के प्रति गंभीर नहीं होंगे तो, उसके परिणाम आगे चलकर कष्टकारी हो सकते हैं। शिक्षा पर लाखों रुपये खर्च करने वाले माता-पिता चिंतित रहते हैं। कई बार बच्चा पढ़ाई तो रात-दिन करता है। लेकिन याद कुछ भी नहीं रहता, अथवा भूल जाता है, परेशान रहता है। उपरोक्त दोनों ही स्थिति में बच्चे को दीपावली पर गुरूजी द्वारा सिद्ध किया गया सिद्ध सरस्वती यंत्र कवच धारण करवाना एक सरल व कारगर उपाय है। इस सिद्ध सरस्वती यंत्र कवच को अनेक बच्चों को धारण करवाया गया और अनेक मामलों में इस यंत्र से आश्चर्यजनक लाभ देखे गये हैं।
नोट- यह कवच दीपावली पर सिद्ध किये जायेंगे, कृपया दीपावली से पूर्व ही बुक करवा लें। यंत्र कवच मंगवाने के लिये न्यौछावर राशि- 1100/- रू
अधिक जानकारी के लिये शुक्राचार्य ऐस्ट्रो प्रा. लि. से सम्पर्क करें- 011 22455184, 09810143516

रोग निवारण कवच

क्या रोग पीछा नहीं छोड़ते?- धारण कीजिये रोग निवारण कवच |
आज का युग कम्पीटीशन (घोर प्रतिस्पर्धा) का युग है। आज दुर्बल मानसिकता का व्यक्ति दूसरों के सुख से दुःखी है, उसे अपना सुख तुच्छ और दूसरों का सुख महान दिखलाई पड़ता है। इस के परिणाम स्वरूप मानसिक तनाव के रूप में उच्च रक्तचाप अथवा निम्न रक्तचाप अथवा अधिक तनाव होने पर या तो शूगर का रोग आ घेरता है अथवा दिल की बीमारी दस्तक देने लगती है। परिणाम यह होता है की डाक्टरों तथा हस्पतालों के चक्कर काट-काट कर थक जाता है। दूसरी तरफ कमाई का साधन रोग होने के कारण नही रहता। इस प्रकार एक के साथ एक समस्या उलझती ही चली जाती हैं और कोई उपाय समझ में नहीं आता। परंतु तंत्राचार्यो ने इन समस्याओं का समाधान तंत्रशास्त्रों में दिया है। आवश्यकता है तो सही मार्गदर्शन तथा रोगी में आत्म-विशवास की। इस समस्या के समाधान के रूप में गुरूजी ने दीपावली के अवसर पर विशेष सिद्ध मंत्रों के द्वारा ‘रोग निवारण कवच’ को भी सिद्ध करने का निर्णय लिया है। आप भी गुरूजी से यह कवच प्राप्त कर रोगों से सुरक्षा पा सकते हैं।
नोट- यह कवच दीपवली पर सिद्ध किये जायेंगे, कृपया दीपावली से पूर्व बुक अवश्य करवा लें। कवच मंगवाने के लिये न्यौछावर राशि- रु. 900/- (सामग्री शीघ्र पाप्त करने के लिये- हमारे Bank के खाते में राशि जमा करवाकर सामग्री प्राप्त कर सकते हैं।)
अधिक जानकारी के लिये शुक्राचार्य ऐस्ट्रो प्रा. लि. से सम्पर्क करें- 011 22455184, 09810143516